मोदी सरकार दे सकती है एक और झटका, NPS पर अगले हफ्ते लग सकती है कैबिनेट की मुहर

सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेशन और जनगणना को मंजूरी मिल सकती है.

एनपीआर बनाने का उद्देश्य देश के हर नागरिक के लिए एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है. डेटाबेस में जनसांख्यिकी एवं बायोमेट्रिक जानकारी रहेगी.

क्या है एनपीआर

NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की. इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था.

एक अधिकारी ने बताया कि एनपीआर देश में रहने वाले नागरिकों की एक विस्तृत सूची होगी. एनपीआर के पूरा होने और प्रकाशित होने के बाद भारतीय नागरिक राष्ट्रीय पंजी (एनआरआईसी) तैयार करने के लिए इसके एक आधार बनने की उम्मीद है.

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) पर देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है. एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है. इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी.

हालांकि, CAA और NRC की तरह गैर-बीजेपी शासित राज्य इसका भी विरोध कर रहे हैं और इसमें सबसे आगे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं. CAA और NRC को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी ने तो बंगाल में एनपीआर पर जारी काम को भी रोक दिया है.

इसके अलावा केरल की लेफ्ट सरकार ने भी एनपीआर से संबंधित सभी कार्यवाही रोकने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सरकार ने एनपीआर को स्थगित रखने का फैसला किया है क्योंकि आशंका है कि इसके जरिए एनआरसी लागू की जाएगी.

Team AI News
Author: Team AI News

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