शेयर बाजार में 85% की भारी गिरावट के बाद (Yes Bank)यश बैंक बना (No Bank)नो बैंक जानिए क्या हुआ
निजी क्षेत्र के बैंक यस बैंक की हालत खराब हो गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा यस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के परेशान जमाकर्ताओं को एटीएम से पैसा निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. निजी क्षेत्र के यस बैंक के ग्राहकों के लिए परेशान करने वाली ख़बर है
आरबीआई ने यस बैंक के बोर्ड को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गयी हैं. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गयी है.
देश के चर्चित निजी बैंकों की बात होती थी तो उसमें यस बैंक का भी नाम आता था. करीब 15 साल पहले शुरू हुआ यस बैंक आज बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय कर दी.
साल 2004 की बात है, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक निजी बैंक का नाम अचानक चर्चा के केंद्र में आ गया. दरअसल, इस निजी बैंक के नाम ‘Yes’ ने लोगों को आकर्षित किया. यह पहली बार था जब किसी बैंक के नाम में लोगों की दिलचस्पी देखने को मिली. कुछ ही सालों में Yes बैंक एक जाना पहचाना नाम बन गया.
जून 2005 में बैंक का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ आम लोगों के लिए लॉन्च हुआ. नवंबर 2005 में यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को एन्टरप्रन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड मिला. मार्च 2006 में बैंक ने अपना पहला वित्त वर्ष के नतीजों का ऐलान किया. बैंक का प्रॉफिट 55.3 करोड़ रुपये जबकि रिटर्न ऑफ एसेट (ROA) 2 फीसदी रहा.
यस बैंक के शेयर स्टॉक मार्केट में आसमान छू रहे थे. बैंक के लोनबुक, जमा, लाभ और बैलेंसशीट देखकर शेयर लगातार बढ़ रहे थे. एक समय में तो शेयर 1400 रुपये तक पहुंच गया था. लेकिन जब इसका एनपीए बढ़ना शुरू हुआ तो इसके शेयर गिरने लगे. आरबीआई ने स्थिति को समझते हुए दखल दी और आज यस बैंक का शेयर 36 रुपये तक लुढ़क गया
आरबीआई ने जैसे ही 50 हजार की निकासी की लिमिट लगाई, उसके ग्राहकों में हड़कंप मच गया. देश के तमाम शहरों में एटीएम के बाहर पैसे निकालने वालों की कतार लग गई. कई शहरों में अफरातफरी का माहौल भी देखने को मिला.