सरकार की गलत नीतियों की वजह से डूबते बैंक, बंद होने कगार पर यश बैंक
जब कोई बैंक डूबता है तो अफरातफरी मच जाती है। छोटा हो या बड़ा, बैंक का हर ग्राहक अपना पैसा वापस पाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। बैंक के ग्राहक परेशान हैं और देशभर में बैंक 18000 से ज्यादा ATMs में ज्यादातर के बाहर लाइन लगी हुई है। लेकिन ग्राहकों में फैला डर यूं ही नहीं है। कुछ सालों में कई बैंक डूबे हैं और साथ में ग्राहकों की मेहनत की कमाई। आपको बताएंगे कि आपका कुछ पैसा सुरक्षित है, लेकिन उससे पहले जान लीजिए हाल के वर्षों में कौन-कौन से बैंक डूबे हैं।
ताजा मामला यस बैंक का है, जो डूबने की कगार पर है कभी देश के दिग्गज प्राइवेट बैंकों में से एक रहे Yes Bank पर अब आरबीआई ने पाबंदियां लगा दी हैं। कोई भी ग्राहक एक महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा की रकम नहीं निकाल सकता है।और अब RBI उसपर फैसला लेगा।इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा किसी सूरत में नहीं डूबेगा। लेकिन पैसा डूबने की चिंता लाज़मी है।
दरअसल 2017 में बैंक 6,355 करोड़ रुपये की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। इस बात की जानकारी आरबीआई को मिली और उसने बैंक पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। असली मुसीबत 2018 में शुरू हुई, जब केंद्रीय बैंक ने राणा कपूर को जनवरी 2019 तक सीईओ का पद छोड़ने के लिए कहा। इस आदेश के बाद Yes Bank के शेयरों में 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। यह वह झटका था, जिसके बाद Yes Bank फिर उबर नहीं सका।
डूबते कारोबारी घरानों को जमकर बांटे लोन
Yes Bank कारोबारी घरानों को लोन देने में आगे रहा है। अनिल अंबानी ग्रुप, आईएल एंड एफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे घरानों को बैंक ने लोन जारी किया था। इन कारोबारी समूहों के डिफॉल्टर साबित होने से भी करारा झटका लगा। हालात यहां तक बिगड़ गए कि बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के नतीजों तक में देरी कर दी।
बैंक डूबा, पर सेफ रहेंगे 5 लाख रुपये
PMC जैसे बढ़ने मामलों को देखते हुए सरकार ने हाल बजट 2020 में अहम फैसला लिया था। बैंक जमा पर अब आपको 5 लाख रुपये तक की गारंटी मिलेगी। यानी बैंक में आपके 5 लाख रुपये रहेंगे बिल्कुल सेफ। बैंकों में पैसा जमा कराने वालों के लिए इंश्योरेंस कवर 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। अगर बैंक डूबता है तो आपकी 5 लाख रुपये तक की जमा रकम आपको वापस मिल जाएगी, इतनी रकम सुरक्षित रहेगी। बजट से पहले तक DICGC ऐक्ट 1961 के तहत एक लाख रुपये तक की जमा रकम पर इंश्योरेंस कवर था और अगर बैंक डूब जाए तो इस लिमिट से आगे की जमा रकम की वापसी की गारंटी नहीं। यानी 25 वर्षों से बैंक डूबने पर इतना ही कम्पंसेशन तय था।