जानिऐ किस योग में होगा होलिका दहन,और पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त?

हिन्दू धर्म में भी इस पर्व का बहुत अधिक महत्व है 9 मार्च यानी आज होलिका दहन और 10 मार्च यानी मंगलवार को रंग वाली होली खेली जाएगी. होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसे अन्य शब्दों में रंगों का त्योहार भी कहा जाता है.

कई शताब्दियों के बाद इस बार होली पर गुरु और शनि अपनी अपनी राशि में एक साथ रहेंगे। गुरु अपनी राशि धनु और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। वहीं होली पर पारिजात, वेशि और बुधादित्य योग भी बन रहा है।ज्योतिषाचार्य प्रियदर्शी के मुताबिक होली पर इस बार गजकेशरी, सर्वार्थ सिद्धियोग और जय योग का भी संयोग बना है जो बहुत शुभ है। ज्यतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने बताया कि होलिका दहन पर इस बार ध्वज योग,अमृत योग और सौभाग्यसुंदरी योग का महासंयोग बना है। ऐसा संयोग होलिका दहन पर करीब नौ वर्षों के बाद बना है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होने से ध्वजा योग बना है। 

हिन्दू धर्म के मुताबिक, यह पर्व 2 दिन मनाया जाता है. इसमें सबसे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है. होलिका दहन के दिन लकड़ी के ढेर की पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा की जाती है. जबकि, होली वाले दिन रंगों, अबीर और गुलाल से होली खेली जाती है. इस साल 9 मार्च 2020 को होलिका दहन है और 10 मार्च 2020 को होली खेली जाएगी.

करें ये उपाय, दूर होंगे मंगल दोष 

इस बार होली मंगलवार को है। इसलिए भगवती और हनुमान जी की आराधना करें। उन्हें गुलाबी अबीर, अबरख, तुलसीपत्र और मंजरी अर्पित करें जिससे मंगल दोष से मुक्ति मिलेगी। मांगलिक कार्य भी बनेंगे। 

होलिका पूजन मंत्र
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्तां पूजयिष्यामि भूति भूति प्रदायिनीम। 

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

इस बार होलिका दहन और पूजा मुहूर्त का भी विशेष मुहूर्त है. 9 मार्च शाम 6 बजकर 35 से रात 11 बजकर 05 तक आप होलिका दहन में पूजा कर सकते हैं.

होली पर होगी कुलदेवता की पूजा 
होली के दिन ही मिथिलांचल में सप्ताडोरा की पूजा भी होती है। मां भगवती व कुलदेवता को सिंदूर आर्पण किया जाएगा। साथ ही 56 भोग लगाया जायेगा। 

राशि के अनुसार अगजा में करें अर्पण
मेष, वृश्चिक: गुड़ की मिठाई, दही 
वृष, तुला:दही बाड़ा,चावल की खीर,नारियल मिठाई
मिथुन-कन्या: मूंग हलवा, पुआ,रेवड़ी
कर्क: दही,छेने की मिठाई,मालभोगर्
सिंह: जुझिया,उड़द की मिठाई
धनु-मीन: गेहूं,बेसन की मिठाई
मकर-कुंभ: मकई भुट्टा, अपराजिता फूल।

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Author: Ratnesh Yadav

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