एक ऐसी ही पुनर्जन्म की घटना उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सामने आई, खोले पिछले जन्म के राज
मैनपुरी : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से पुनर्जन्म के हाल ही में एक मामला सामने आया है। जहाँ पर एक आठ साल के बच्चे का दावा है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है। बच्चे के इस दावे पर पहले किसी को भी यकीन नहीं हुआ था । लेकिन जब इस बच्चे ने अपने पहले माता-पिता को देखते ही उनके पैर छूए। तो हर कोई यह देखकर दंग रह गया। दरअसल मैनपुरी के औंछा क्षेत्र में आठ साल के पहले नहर में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। अब यह बच्चा अपने गाँव में वापस से नया जन्म लेकर आया है। पुनर्जन्म का दावा करने वाला यह बच्चे का नाम चंद्रवीर है।
आज के समय में ज्यादातर लोग पुनर्जन्म की बात को अंधविश्वास या काल्पनिक मानते हैं क्योंकि विज्ञान के इस युग में ऐसी किसी चीज के लिए कोई जगह नहीं है। एक ऐसी ही पुनर्जन्म की घटना उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सामने आई है । जिसके बारे में जानकर सभी हैरान है।
खबर के अनुसार बताया जाए तो नगला सलेही गांव से करीब चार किलोमीटर दूर अमर सिंह निवासी रामनरेश शंखवार अपने आठ साल के बेटे चंद्रवीर को लेकर प्रमोद कुमार के घर के बाहर पहुंचे थे। उस वक़्त प्रमोद और उनकी पत्नी ऊषा घर में नहीं थे। कुछ देर तक इन्होंने उनके लौटने का इंतजार भी किया।
मामला मैनपुरी जिले के गांव नगला सालेही का है, जहां प्रमोद कुमार श्रीवास्तव के 13 वर्षीय बेटे रोहित कुमार की आठ साल पहले मौत हो गई थी। रोहित की मौत के आठ साल बाद पास के गांव नगला अमर सिंह निवासी रामनरेश शंखवार पुत्र चंद्रवीर उर्फ छोटू ने दावा किया है कि वह रोहित है ।
साल 2013 में हुई थी बच्चे की मौत
प्रमोद और उनकी पत्नी ऊषा के बेटे(रोहित) की मौत चार मई 2013 में हुई थी। नगला सलेही निवासी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का बेटा रोहित उस वक़्त 13 साल का था। ये गांव के बच्चों के साथ नहर में नहाने के लिए गया था। नहर डूबने से बच्चे की मौत हो गई थी। आपको जानकारी दे दें कि पुनर्जन्म की खबर इन दिनों मैनपुरी में खूब चर्चित में हैं।
पूरे खबर गांव में पुनर्जन्म की बात आग की तरह फैल गई
दरअसल हुआ यह कि प्रमोद कुमार उस समय हैरान रह गए जब अचानक घर पहुंचे 8 साल के एक लड़के ने उन्हें पिता कहकर पुकारा। इससे पहले ही प्रमोद कुछ समझ पाते, 8 वर्षीय बालक चंद्रवीर ने बताया कि नहाते समय नहर में डूबने से उसकी मौत हो गई।
बच्चे की बात सुनते ही प्रमोद और उसकी पत्नी ने चंद्रवीर को गले लगा लिया और दहाड़ मारकर रोने लगे। यह खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई।
पुनर्जन्म की इस कहानी की खबर आग की तरह फैल गई और दर्जनों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। इसी बीच जब गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव ने भीड़ देखी तो वह भी प्रमोद के घर पर रुके, तब बालक ने उनके पैर छुए और अपना नाम लिया कि ‘ये तो सुभाष मसब है’, तो वह भी स्तब्ध रह गये।
इतना ही नहीं, चंद्रवीर ने गांव के अन्य लोगों की भी पहचान की और उनके नाम बताए। उसने स्कूल पहुंचकर अपने क्लास रूम को भी पहचान लिया। वह अपने पुनर्जन्म वाले माता-पिता को बहुत खुश देखा और उन्हें बहुत सी बातें बताईं। यह सुनकर हर कोई हैरान है। वहीं चंद्रवीर की मां का कहना है कि कहानी हो तो भी वह अपने बेटे को किसी को नहीं देंगी । वह चाहती है कि चंद्रवीर उसके बूढ़े माता-पिता के घर आ जाए, लेकिन उसे कोई आपत्ति नहीं है।