आप कैसा व्रत करते हैं….?
यह देख कर खुशी होती है कि शारदीय नवरात्र अब फैशन में है और मिलेनियल्स भी काफी उत्साह के साथ इसमें हिस्सा ले रहे हैं, कई तो व्रत भी करते हैं। हालांकि, भारतवर्ष में, हम हिंदुओं में व्रत (मिलेनियल्स के शब्दों में फास्टिंग) के कई प्रकार हैं–
मेरा तो फलाहार है–ऐसे प्राणी दिन भर सेब, संतरे से लेकर अंगूर और काजू-किशमिश तक कुतरते रहते हैं और परिणाम यह होता है कि दशहरे के दिन इनका वजन 4-5 किलो बढ़ा रहता है।
- एकसंझा है मेरा–ऐसे प्राणी मुसलमानों की तरह दिन भर तो सब्र करते हैं,
फिर हुड़क के खाना खाते हैं। बस, कृपा इतनी करते हैं कि भात-दाल सब्जी पर ही बस कर देते हैं, चिकन-मटन नहीं देते। - एकसंझा है मेरा (पार्ट 2)–ये महान आत्माएं दिन भर फल कुतरती हैं और शाम होते ही खाने पर टूट पड़ती हैं।
- सेंधा नमक वाला व्रत–ये तपस्वियों का वह प्रकार है जो सब कुछ खाता है, बस नमक सेंधा इस्तेमाल करता है।
- गरीब फलाहारी- ये लोग 24 घंटे में एक बार कुछ फल और दूध का सेवन करते हैं, पूरे 9 दिन। (मैं इसी वर्ग का प्रतिनिधि हूं)
- पंजाबी आंटियों के नौराते का व्रत–ये लोग दिल्ली में पाए जाते हैं। वहां के और बीकानेर तो बाकायदा व्रत वाली थाली निकाल लाते हैं। पता नहीं, ये आविष्कार कब और कैसे हुआ? इसमें पिज्जा वगैरह भी व्रत के हो जाएंगे, कुछेक वर्षों के इंतजार के बाद।
और अंत में, एक टाइप प्रधानसेवक जी वाला भी है। इसमें 9 दिनों में 60 हजार का बिसलेरी पीकर आदमी व्रत करता है (ऐसा आलोचकों का कहना है।)
वैसे, केवल नींबू-पानी पीकर या छाती पर कलश स्थापित कर भी कई साधक नवरात्र करते हैं।
इसके अलावा कोई प्रकार अगर आपको याद हैं, तो बताइए। आप किस प्रकार का व्रत कर रहे हैं। ©Swami Vyalok
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