चुनाव आयोग का ख़तरनाक सुझाव, इरादा कुछ और निशाना कहीं और है
ऐसा कैसे हो सकता है कि बड़े दलों में नगद चंदे का खेल नहीं हो रहा होगा? लेकिन छोटे और अनाम दलों के नाम पर असली खेल इन बड़े दलों में से बाक़ी को ख़त्म किया जा रहा है ताकि एक ही दल सर्व संसाधन गुण सम्पन्न बचा रहे।
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